हार जीत किस्सा जीवन का प्यार कभी धुत्कार मिला है, चढ़ते रवि को नमन करें सब दुःख में अपना दूर…
मर्द सहना पड़ेगा
ज़ुल्मों से तंग वो पहुचे जिस शहर जो वाशिंदा मिला “मोम” बनकर मिला मधुर बात कर वो बड़ा मुस्कुराता सदा…
आखिर कब तक – Poetry
नारि जन्म ,जननी फलकारी स्नेह की पात्र हूँ , समझो तो मानस हूँ , समान हकधारी क्या दुखता है ,…
अन्तिम पडाव
उस वृद्ध को अब नींद आती नहीं है उसे खांसी भी बहुत सता रही है जोडों का दर्द चुप सहता…
अधर में मजदूर
मेरे दर्द का मंत्र परिजनों संग है, शकून का टौनिक वही पुराना है। आज घर गांव का महत्व हम समझे,…
भगत देश का फिर लौटेगा
तुम काहे को रोये थे प्रियवर, भगत सिंह स्वदेश पर मरता था। जब चुमा फंदा फांसी उसने, तब कितना गदगद…
अक्सर ऐसा क्यों होता है
मेरे कृषि प्रधान देश मेअक्सर ऐसा क्यों होता हैकृषिक तो भूखा मरता हैसहुकार चैन से सोता है। बीज बोये कुछ…
इस गिरगिट के रंग सात
इस सतरंगी दुनिया मे,एक अनोखी जात नित बदल कर रूप धरे,ये चम्चों की बात बलि चढें सही-गलत, ये ऐसी बुनते…
अब दिल्ली मे दम नही
मेरा इस दिल्ली मे जन्म हुआ था ये सुन्दर शहर तब दिल मे बसा था कल्पना न थी जो दशा…
अदभुत गुण सागर “माँ”
माँ की ममता का मोल नही होता करूणा भी कोई तोल नही सकता माँ की मधुर डाँट रस्ते बुनती है…