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कुछ पेड लगा – Hindi Poetry

हरियाली की हत्या कर डाली
‘डाली-डाली’ यहाँ काट डाली
विकास कार्य से कंक्रीट बढा कर
धरा विनाश की नीव धर डाली।

जल ‘भू गर्व ‘ मे सिकुड रहा है
‘भू मंडल’ तपता है बिन डाली
सभी मौसम बदल रहे जंगल बिन
नर तुमने हवा दूषित कर डाली।

पत्थर उपजाये ऊँचे-ऊँचे
यह खा गये धरा की हरियाली
जहाँ बनने को दीवार एक थी
कट गई वहीं पर बीसों डाली।

हरियाली से शुद्ध हवा धरा की।
जल संचय करती हैं सब डाली
जो पेड धरा पर जीवन पाले
क्यों कटने देते तुम वो डाली?

कार्बन समेट कर यह ‘ पी’ जाते
शुद्ध आक्सिजन हमको दे जाते
जुडो पेडों से, करो रखवाली
बचेगा जीवन जब होंगी ‘डाली’।

विरासती बच्चे क्या पायेंगे
यह पेड़ बिना सब मर जायेंगे
रह जायेंगे रेतों के टीले
कुछ पेड़ लगा, धरती पर ‘जी’ ले।

Bijender Singh Bhandari

Bijender Singh Bhandari, First Hindi Blogger on WEXT.in Community is retired Govt. Employee born in 1952. He is having a Great Intrest in Writing Hindi Poems.

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1 month ago

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