#newStory #दुबारा आज वैसे ही बहुत देर हो चुकी क्लास के लिए कीर्ति जल्दी से अपनी किताबों को समेटतीं है,…
मुलाक़ात गज़ल : Deepti Singh
एक अजनबी सी मुलाक़ात ख़ुद के साथ हुई ज़िन्दगी के मोड़ पर मंज़िल की तलाश में खड़ी थी ख़ुद से…
तुम हम और इश्क़ : Deepti Singh
तुम्हें चाहना ही तो काम है मेरा बड़ी मन्नतो से ज़िन्दगी को पाया है।। तुम्हारे पास हर किसी के लिए…
Holi Special : आस्था पर्व
कई पर्व हैं हिन्द में हम रस लेते संग-संग क्यों गर्भ न हों बाशिंदों इस महक से जग है दंग।…
International Women’s Day Special : साहस
मै देख तो रही थी सब कुछ फिर क्यों दर्शाती अँधी हूँ? मै सुन भी लेती थी सब कुछ फिर…
“भूलता है आदमी” – Poetry
उर्म बढने का भ्रम सबको, होता है जन्म दिन पर घटते वर्ष का सत्य तो भुल जाता है आदमी। जब…
“वोट की राजनीति है ऐसी” – Poetry
यहॉ वोट की राजनीति है ऐसी हाथ जोड, फिर कर एेसी की तैसी तू शब्द जाल से मस्तक बुन सबका…
“आतंक फैलाने से क्या होगा” – Poetry
“अातंक फैलाने से क्या होगा ?” अातंक फैलाने से क्या होगा ? कुछ लहु गिरेगा-धुँआ उठेगा दहशत से हमे डरा…