यहॉ वोट की राजनीति है ऐसी हाथ जोड, फिर कर एेसी की तैसी तू शब्द जाल से मस्तक बुन सबका…
“आतंक फैलाने से क्या होगा” – Poetry
“अातंक फैलाने से क्या होगा ?” अातंक फैलाने से क्या होगा ? कुछ लहु गिरेगा-धुँआ उठेगा दहशत से हमे डरा…
यहॉ वोट की राजनीति है ऐसी हाथ जोड, फिर कर एेसी की तैसी तू शब्द जाल से मस्तक बुन सबका…
“अातंक फैलाने से क्या होगा ?” अातंक फैलाने से क्या होगा ? कुछ लहु गिरेगा-धुँआ उठेगा दहशत से हमे डरा…