Hindi
तेेरी दौलत – Hindi Poetry
हमदर्द खाक पर दिखा नही ना स्वर उठा ‘यह बुरा हुआ’ मन मे हर्ष-आँसू “मगर के’ तुमसा कंगाल न कोई मरा, जोड़ के पैसा -हाय पैसा अन्तिम क्षण तक हाय पैसा बहुत बडा है पैसा,लेकिन सभी कुछ नही होता पैसा। तेरी दौलत, तेरे बच्चे बच्चे भी कुछ हों-पर अच्छे पैसा क्या है?मैल बराबर खतरे का संकेत बराबर मानस जन्मा पारस जैसा तू बन जा बापू के जैसा बच्चे बने श्रवण के जैसा घर होगा मन्दिर के जैसा। मान खरीद, ईमान ...