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आखिर कब तक – Poetry

नारि जन्म ,जननी फलकारी स्नेह की पात्र हूँ , समझो तो मानस हूँ , समान हकधारी क्या दुखता है , कुछ समझो तो ...
Antim Padav
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अन्तिम पडाव

उस वृद्ध को अब नींद आती नहीं है उसे खांसी भी बहुत सता रही है जोडों का दर्द चुप सहता है क्यों कि ...
अधर में मजदूर
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अधर में मजदूर

मेरे दर्द का मंत्र परिजनों संग है, शकून का टौनिक वही पुराना है। आज घर गांव का महत्व हम समझे, अब तो हमको ...
meri-abhilasha-wext-community
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मेरी अभिलाषा

व्यर्थ जीवन गया, क्या दुनियाँ को दिया? क्यों जन्मा था ? क्यों रहे याद हमारी? शहादत न सही, कुछ करता हितकारी युगों तक ...

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