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अब दिल्ली मे दम नही
मेरा इस दिल्ली मे जन्म हुआ था ये सुन्दर शहर तब दिल मे बसा था कल्पना न थी जो दशा है शहर की ...
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अदभुत गुण सागर “माँ”
माँ की ममता का मोल नही होता करूणा भी कोई तोल नही सकता माँ की मधुर डाँट रस्ते बुनती है दुर्गम पथ आशीष ...
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ऐसे पराक्रमी को नमन हमारा
संगीन थामे तुम सीना चौडा कर गर्जते-शेर की मानिंद चलते हो दुश्मन देखे, उसे कम्पन हो जाती हमवतनों का हौंसला बढता है। कभी ...
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मेरी अभिलाषा
व्यर्थ जीवन गया, क्या दुनियाँ को दिया? क्यों जन्मा था ? क्यों रहे याद हमारी? शहादत न सही, कुछ करता हितकारी युगों तक ...
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तेेरी दौलत – Hindi Poetry
हमदर्द खाक पर दिखा नही ना स्वर उठा ‘यह बुरा हुआ’ मन मे हर्ष-आँसू “मगर के’ तुमसा कंगाल न कोई मरा, जोड़ के पैसा -हाय पैसा अन्तिम क्षण तक हाय पैसा बहुत बडा है पैसा,लेकिन सभी कुछ नही होता पैसा। तेरी दौलत, तेरे बच्चे बच्चे भी कुछ हों-पर अच्छे पैसा क्या है?मैल बराबर खतरे का संकेत बराबर मानस जन्मा पारस जैसा तू बन जा बापू के जैसा बच्चे बने श्रवण के जैसा घर होगा मन्दिर के जैसा। मान खरीद, ईमान ...
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कुछ पेड लगा – Hindi Poetry
हरियाली की हत्या कर डाली ‘डाली-डाली’ यहाँ काट डाली विकास कार्य से कंक्रीट बढा कर धरा विनाश की नीव धर डाली। जल ‘भू ...
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“नेक गय्या” – Poetry
इक दिन ‘बछिया’ बोली गय्या से मय्या, हम जन्में क्या पाया है? हम नर हितकारी सिंग से खुर तक क्यों बध कर बनते ...
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“हिन्द की फौज” – Poetry
हम नम्र को नमन,मित्र को अर्पण हिमालय जैसी भारतिय फौज है आँच ना आये, हमवतन चैन लो तिरंगे की सौं,प्रथम यह शीश है। ...
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उलझने – 2 : Deepti Singh
अगले दिन(ऑफ़िस में)….. सलोनी बहुत शांत अपने डेस्क पर काम कर रही है। उसकी आँखों से कोई भी साफ़ बता सकता है। वो ...
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“नदी अपेक्षा करती है” – Poetry
“नदी अपेक्षा करती है” हिमगिरि को जब गर्मी लगती है सहस्रों बूँदें रिसने लगती है मिलन जिस धरातल पर होता है नदी वहीं ...